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२७ जनवरी, २०११ को मिला ऐसा पेय जल
आज मिला दिल्ली जल बोर्ड का नीला पेय जल
गणतन्त्र दिवस के अगले दिन यानी आज दिनांक २७ जनवरी, २०११ को सुबह जब दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाला पीने का पानी भरने के लिए मोटर चलायी तो आश्चर्यजनक रूप से नीले रंग का पेय जल आया। उल्लेखनीय है कि जमीनी मंजिल पर भी बिना मोटर बिल्कुल पानी नहीं आता। दूसरी ओर बिजली बचाने की सलाह दी जाती है। चूंकि नल में पानी आने का कोई घोषित समय नहीं है सो २४ घण्टों में अनेक बार मोटर चलाकर देखनी पड़ती है, ज़ाहिर है इसमें भी खूब बिजली बरबाद होती है।
दिल्ली जल बोर्ड ने समय-समय पर कत्थई, मटमैला, काला, पीला यानी रंग-बिरंगा पानी और आज नीला पेयजल उपलब्ध कराया है जो कल्पना से परे है। सरकार कहती है कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पेय जल का ही उपयोग करें। क्या ऐसा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभप्रद है? दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष सहित कोई अधिकारी और कर्मचारी ऐसे रंग-बिरंगे पानी को पीकर दिखा सकता है क्या?
दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही के चलते तमाम लोग मिनरल वाटर के नाम पर मिलने वाले महंगे पानी का उपयोग करने को मज़बूर हैं। यह हाल तब है जब पहले की तुलना में पानी का बिल कई गुणा ज्यादा आता है।
हमारी सकार का एक और कमाल है- पानी के मीटर उपभोक्ता खुद खरीदकर लगाए, इसके लिए नोटिस भेजे गये थे। दूसरी ओर बिजली के मीटर चहेती कम्पनियों के द्वारा ही लगाए गये। यह सर्व विदित है कि ये मीटर तेज दौड़ते हैं। शिकायत कीजिए, और तेज दौड़ने वाला मीटर आपके घर लग जाएगा। (ऐसा एक बिजलीकर्मी ने ही बताया) आप कुछ नहीं कर सकते।
हमारे जन प्रतिनिधि अपने में मस्त हैं, चुनाव का मौसम आएगा तब होंगे हाज़िर!
स्थान: चाणक्य प्लेस, नयी दिल्ली
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